कम पैसों में फलों का बिजनेस
क्या आप कम पैसों में कोई ऐसा बिजनेस करना चाहते है जिससे डेली इनकम हो. आइए आप कम पैसों में बिजनेस करना चाहते है, तो आप फलों का बिजनेस कर सकते हैं.
बिजनेस कैसे शुरू करें
फलों के बिजनेस को छोटे दर्जे का, बेकार व कम फायदे वाला बिजनेस सोचकर अक्सर इस पर ध्यान नहीं देते हैं. इसे छोटा-मोटा बिजनेस ना समझें. सही तरीके से इसे किया जाएं तो इस बिजनेस में लाखों रूपए प्रति माह कमा सकते हैं.
फलों का बिजनेस शुरू करने के लिए ना तो किसी बड़ी डिग्री की जरूरत होती है और ना ही बहुत बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है. कम पढ़ेलिखे और कम पूंजी वालें भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते है. इस बिजनेस को दो तरह से किया जा सकता है. होलसेल व रिटेल.
आगे बढ़ने से पहले में आपको एक रियल स्टोरी बताता हूॅ. इससे आप स्वयं ही अंदाजा लगा सकते हंै कि फलों के बिजनेस में कितनी अधिक कमाई की जा सकती है.
भिंड जिले के माहेद गांव का रहने वाला संतोष कुमार तीन साल पहले तक अपनी पुरानी खटारा साइकिल पर फेरी लगा कर फल बेचा करता था. वह मौसम के अनुसार जैसे आम, अमरूद, केला, अंगूर, सेव आदि लेकर फेरी लगाते हुए दिनभर में लगभग सौ रूपये ही कमा पाता था. कुछ समय बाद उसने कुछ पैसे जमा कर किराए पर एक ठेला लेकर बस स्टैंड में फलों की दुकान लगाने लगा. धीरे-धीरे उसका बिजनेस बढ़ता गया. उसे अच्छी आमदनी होने लगी. अब उसकी कमाई लाखों में हो गई है. संतोष ने ग्वालियर में अपना मकान खरीद लिया है. उसके बच्चे अच्छे काॅनवेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं.
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आज शहर में संतोष की फलों की चार दुकानें हैं. इसके अलावा उसने फलों का थोक व्यापार भी शुरू कर दिया. हाल ही में उसने जूस की दुकान शुरू की है वह भी अच्छी चल रही है. संतोष शहर में ऐसी और भी जूस की दुकान शुरू करने के लिए फ्रेंचाइजी देना चाहता है.
संतोष की स्टोरी कोई काल्पनिक स्टोरी नहीं है. अनपढ़ संतोष ने जिस तरह से फलों की दुकान से कमाई की है उसके स्टोरी को जानकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि फलों का बिजनेस कितने फायदे वाला बिजनेस है.
इसी तरह, भोपाल शहर में फल बचने वाले अब्दुल गनी का कहना है मैं पिछले 20 सालों से इस व्यवसाय को कर रहा हूं. मेरे बच्चे भी इस व्यवसाय से जुड़ गए है. मेरा अनुभव उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. मेरे बेटों की शहर में कई दुकानें है. अब तो हम विदेशी फल भी बेचने लगे हैं. उसमें भी काफी अच्छा मुनाफा हो जाता है.
बस, इस बात का ध्यान रखें, फलों का बिजनेस कच्चे माल का बिजनेस है समय से न बिकने पर इसके खराब होने का डर रहता है इसलिए जल्दी से माल बेचना जरूरी होता है.
मुंबई के बांद्रा इलाके में फलों का बिजनेस करने वाले सुरेश का कहना है, मैंने आज से 5 साल पहले मात्र 500 रूपए में इस बिजनेस को शुरू किया था. आज मुझे रोजाना 1000 रूपएं की बचत हो जाती है. मेरी माली हालत काफी अच्छी हो गई है. मेरे ख्याल से कम पूंजी में यह बिजनेस काफी फायदे वाला बिजनेस है. इस बिजनेस में सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लाभ के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है. सुबह माल लेकर बैठो और शाम तक माल बेचकर अपना मुनाफा मिल जाता है.
माल कहां से लाएं
हर शहर में फलों के थोक व्यापारी होते हैं. सब्जी मंडी की तरह फलों की मंडी भी होती है. आप वहां से फल लेकर आ सकते हैं. थोक बाजार से खरीदे गए माल को रिटेल में किस भाव से बेचना है यह वहां के थोक व्यापारी ही बता देते हैं. इसके बावजूद शहर के अलग-अलग इलाकों में फलों के अलग-अलग रेट होते है.
फलों के रेट उसकी क्वालिटी, पैकिंग, रख रखाव, शोरूम मंे रखा माल, खुले में फलों की बिक्री, शहर का सस्ता व महंगा इलाका आदि पर डिपेंड करता है.
बिजनेस में मुनाफा
फलों के बिजनेस में 20-30 प्रतिशत की बचत होती है. यह भी दुकानदर पर डिपेंट करता है कि वह ग्राहक को फल कितने अधिक मुनाफे में बेच पाता है.
इस बिजनेस में कमाई के दो तरीके है. फिक्स रेट और मोलतोल वाला. अधिकतर बड़े दुकानदार फलों के रेट फिक्स रखते हैं. वहीं छोटेमोटे दुकानदार ग्राहक को रेट कुछ बढ़ा चढ़ाकर बताते हैं. इसके बाद बताएं गए भाव में से कुछ रूपए घटाकर देने को तैयार हो जाते हैं. ग्राहक भी खुश होकर फल खरीद लेते है.
यह जान लें, फलों का बिजनेस मेहनत वाला काम है. सुबह मंडी से माल लाना, फलों को ठेले या दुकान पर सजाना, फलों की साफ-सफाई करना और सुबह से लेकर रात तक दुकान पर सर्विस देना पड़ता है. फल काफी नाजुक होते हैं इसकी सही देखभाल की आवश्यकता होती है. दुकान बंद करने के बाद शेष बचे फलों को ठीक से रखना होता है, ताकि उसे दूसरे दिन फिर से बेचा जा सकें.
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ध्यान देने वाली बातें
– यदि आप फलों का बिजनेस करना चाहते हैं तो सबसे पहले फलों की क्वालिटी और उसकी देखभाल के बारे में सीखना होगा. क्योंकि फलों को समय से न बेच पाएं तो नुकसान हो सकता है. इसलिए बिना अनुभव के फलों का बिजनेस शुरू न करें.
– फलों की क्वालिटी पर ध्यान रखें. अच्छे स्वादिष्ट व ताजे फल ही दुकान पर रखें.
– अच्छी कमाई के लिए बासी फलों को दुकान से हटा दें. फलों के रेट सही रखें.
– ग्राहक से हमेशा अच्छा व्यवहार करें. अभद्र व्यवहार करने पर इसका प्रभाव दुकान पर पड़ता है.
मौसम के अनुरूप फलों का बिजनेस करके आप कम समय में अधिक लाभ पा सकते हैं.